Shree Naval Kishori

उलुकी द्वारा यमदेवकी स्तुति

देव ! मनुष्य आपसे भयभीत होकर भागते हैं, आपसे डरकर ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं । आपके ही भयसे धीर पुरुष उत्तम बर्ताव करते हैं और आपके ही डर से कर्मों के अनुष्ठान में लगते हैं । आपसे भय पाकर लोग उपवास करते और गाँव छोडकर वनमें जाते हैं । आपके ही डर से सौम्यभाव ग्रहण करते और आपके ही भय से सोमपान करते हैं । आपसे भयभीत पुरुष ही अन्नदान और गोदान में प्रवृत्त होते है और आपसे डरकर ही मुमुक्षु ब्रह्मवादी की चर्चा करते हैं ।