Shree Naval Kishori

राजा स्वेत द्वारा भगवान हरि की स्तुति

ॐ वासुदेव को नमस्कार है । सबको अपनी ओर खीचनेवाले संकर्षण को नमस्कार है । अत्यंत द्युतिमान प्रद्दम्र, कभी रुद्ध न होनेवाले अनिरुद्ध तथा नारायण को नमस्कार है । जिनके अनेक रूप है, जो विश्वरूप, विधाता, निर्गुण, अतर्क्य, शुद्ध एवं उज्ज्वल कर्मवाले हैं, उनको नमस्कार है । जिनकी नाभि कमल है, जो पद्मगर्भ ब्रह्माजी की उत्पत्ति के कारण है, उनको नमस्कार है । जिनका वर्ण कमल के समान है, जो हाथ में भी कमल लिये रहते हैं, उनको नमस्कार है । जिनके नेत्र कमलके समान है, जो सहस्त्रों नेत्रोंसे युक्त और शिवस्वरुप है, उन्हें नमस्कार है | जिंके सहस्त्रों पैर और सहस्त्रों भुजाएं हैं, उन मन्युरूप परमेश्वरको नमस्कार हैं | ॐ वराहरूपधारी भगवान् को नमस्कार है | जो वर देनेवाले, उत्तम बुद्धिसे युक्त, वरिष्ठ, वरेण्य, शरणागतरक्षक और अपनी महिमासे कभी च्युत न होनेवाले हैं, उन भगवान् को प्रणाम है | ॐ बालरूपधारी, बाल कमल के समान कान्तिमान, बालसूर्य और चंद्रमारूप नेत्रोंवाले, मनोहर केशोंसे सुशोभित, बुद्धिमान भगवान विष्णुको प्रणाम है | केशवको नमस्कार है, नारायणको नित्य नमस्कार हैं | सर्वश्रेष्ठ माधव एवं गोविन्दको नमस्कार है | ॐ विष्णुको नमस्कार है | हिरण्यरेता अग्निदेवको नित्य नमस्कार हैं | मधुसुदनको प्रणाम हैं | शुद्ध स्वरुप एवं किरणोंको धारण करनेवाले भगवान को नमस्कार हैं | अनन्तको नमस्कार हैं | सूक्ष्मस्वरुप एवं श्रीवत्सधारीको प्रणाम हैं | तीन बड़े-बड़े डगोंवाले तथा दिव्य पीताम्बर धारण करनेवाले वामनको नमस्कार है | भगवान् ! आप सृष्टिकर्ता है | आपको नमस्कार हैं | आप ही सबके धारण-पोषण करने वाले है | आपको बारम्बार नमस्कार हैं | गुणस्वरुप एवं निर्गुणको नमस्कार हैं | वामनरूप भगवान को नमस्कार हैं | वामनकर्मा श्रीहरिको प्रणाम हैं | वामननेत्र प्रभुको नमस्कार हैं और वामनवाहन माधवको प्रणाम है | रमणीय, पूज्य तथा अव्यक्तस्वरुप भगवान को नमस्कार है | अतर्क्य, शुद्ध एवं भयहारी हरिको प्रणाम हैं | जो संसाररूपी समुन्द्रसे तारनेके लिये नौकाके समान हैं, जो परम शांत एवं चैतन्यस्वरुप हैं, शिव, सौम्यरूप, रूद्र तथा उद्धारकर्ता हैं, उन भगवान्को नमस्कार हैं | जो संसारका संहार करनेवाले और उसे भोग प्रदान करनेवाले हैं, समस्त विश्व जिनका स्वरुप हैं और जो समस्त विश्वकी सृष्टि करने वाले हैं, उन भगवानको नमस्कार हैं | ॐ दिव्यरूप सोम, अग्नि और वायुस्वरूप भगवान को नमस्कार हैं | चंद्रमा उअर सूर्यकी किरणे जिसके केश हैं, जो गौओं तरहा ब्राह्मणोंका हित करनेवाले हैं, उन भगवान् को प्रणाम हैं | ॐ ऋकस्वरुपपद और क्रमरूप भगवानको प्रणाम हैं | ऋग्वेदके मन्त्रोंद्वारा जिनकी स्तुति होती है, ऋचाओंका जप जिनकी प्राप्तिका साधन हैं, उन भगवानको नमस्कार हैं | ॐ यजुर्वेदको धारण करनेवाले और यजुर्वेदरूपधारी भगवानको प्रणाम हैं | जिनका यजुर्वेदके मन्त्रोंसे यजन किया जाता हैं, जो सबसे सेवित और यजुर्वेदके मन्त्रोंके अधिपति हैं, उन परमात्माको नमस्कार हैं | ॐ देव श्रीपते | आपको नमस्कार हैं | सर्वश्रेष्ठ श्रीधरको प्रणाम हैं | जो लक्ष्मीके प्रियेतम, मन और इन्द्रियोंको संयममें रखनेवाले, योगियोंके ध्येय और योगी हैं, उन भगवान् को प्रणाम हैं | ॐ सामस्वरुप परमात्माको नमस्कार हैं | जो श्रेष्ठ सामध्वनी हैं, साम के कारण सौम्य प्रतीत होते हैं तथा जो सामयोगके ज्ञाता हैं, उन भगवानको प्रणाम हैं | जो साक्षात सामवेद, सामगान और साममन्त्रको धारण करनेवाले हैं, जिन्हें सामवेदोक्त यज्ञोंका ज्ञान हैं, जो सामवेदको करतलगत किये हुए हैं, उन भगवानको नमस्कार हैं | जो अर्थवशीर्ष, अर्थवस्वरुप, अर्थवपाद और अथर्वकर हैं, उन परमेश्वरको प्रणाम हैं | ॐ वज्रशीर्ष प्रभुको नमस्कार हैं | जो मधु और कैटभके घातक, महासागरके जलमें शयन करनेवाले और वेदोंका उद्धार करके लानेवाले हैं, उन भगवान् को प्रणाम हैं | जिनके स्वरुप अत्यन्त दीप्तिमान हैं, उन भगवान को नमस्कार हैं | इन्द्रियोंके नियन्ता ह्रषीकेशको प्रणाम हैं | प्रभो ! आप भगवान वासुदेवको बारम्बार नमस्कार हैं | नारायण !  आपको प्रणाम हैं | लोकहितकारी श्रीहरिको नमस्कार हैं | ॐ मोहनाशक तथा विश्वसंहारकारीप्रभुको प्रणाम हैं | जो उत्तम गतिके दाता तथा बन्धनका अपहरण करनेवाले हैं, त्रिलोकीमें तेजका आविर्भाव करनेवाले और तेज:स्वरुप हैं, उन भगवानको नमस्कार हैं | जो योगियों के इश्वर, शुद्धस्वरुप, सबके भीतर रमण करनेवाले तथा जगतको पार उतारनेवाले हैं, सुख ही जिनका स्वरुप हैं, जो सुखरूप नेत्रोंवाले तथा सुकृत धारण करने वाले हैं, उन भगवान् को प्रणाम हैं | वासुदेव, वन्दनीय और वामदेवको नमस्कार हैं | जो देहधारियोंके देहकी उत्पत्ति करनेवाले तथा भेददृष्टिको भंग करनेवाले हैं, उन भगवानको नमस्कार हैं |