भागवान जगन्नाथ जी को स्नान कराते वक्त के स्तुति
सम्पूर्ण लोकका पालन करनेवाले जगन्नाथ ! आपकी जय हो, जय हो। आप भक्तोंके रक्षक तथा शरणागतवत्सल हैं। सम्पूर्ण भूतोंमें व्यापक आदिदेव ! आपकी जय हो । नानात्वके कारणभूत वासुदेव! आप असुरोंके संहारक, दिव्य मत्स्यरूप धारण करनेवाले, समस्त देवताओंमें श्रेष्ठ तथा समुद्रमे शयन करनेवाले हैं। योगिवर ! आपकी जय हो, जय हो । सूर्य अपके नेत्र हैं तथा आप देवतके राजा हैं। वेदों में आप ही सर्वश्रेष्ठ बताये गये हैं। आपने कछप-अवतार धारण किया था। आप श्रेष्ठ यज्ञस्वरूप हैं। आपको नाभिसे कमल उत्पन्न हुआ था, इसलिये आप पद्मनाभ कहलाते हैं। आप पहाड़ों पर विचरनेवाले तथा योगशायी हैं। आपकी जय हो, जय हो। महान् वैग धारण करनेवाले विश्वमूर्ते ! चक्रधर ! भूतनाथ! धरणीधर! शेषशायिन्! आपकी जय हो, जय हो। आप पीताम्बरधारी, चद्रमाके समान कान्तिमान्, योगमें वास करनेवाले, अग्निमुख, धर्मके आवासस्थान, गुणोंके भंडार, लक्ष्मीके निवासस्थान और गरुड़वाहन हैं। आपकी जया हो, जय हो। आप आनन्दनिकेतन, धर्मध्वज़, पृथ्वीके आश्रयस्थान और दुर्बोध चरित्रवाले हैं। योगी पुरुष ही आपको ज्ञान पाते हैं। आप यज्ञों में निवास करनेवाले तथा वेदोंके वैद्य हैं। शान्ति प्रदान करनेवाले और योगियोंकै ध्येय हैं। आपकी जय हो, जय हो। आप ही सबका पालन-पोषण करते हैं । ज्ञान आपका स्वरूप हैं। आप लक्ष्मीनिधि हैं। भव-भक्तिसे ही आपका ज्ञान होना सम्भव है। मुक्ति आपके हाथों है। आपका शरीर निर्मल है। आप सत्त्वगुणके अधिष्ठान, समस्त गुणोंसे समृद्धिशाली, यज्ञकर्ता, निर्गुण तथा मोक्ष प्रदान करनेवाले हैं। धूमण्द्वलको शरण देनेवाले परमेश्वर ! आपकी जय हो, जय हो। आप दिव्य कान्तिसे सम्पन्न, समस्त लोकोंको शरण देनेवाले, भगवती लक्ष्मीसे संयुक्त,कमलके-से नेत्रोंवाले, सृष्टिकारक, योगयुक्त, अलसीके फूलकी भाँति श्याम अङ्गोंवाले, समुद्रके भीतर शयन करनेवाले, लक्ष्मीरूपी कमलके अमर तथा भक्तके अधीन रहनेवाले हैं। लोककान्त ! आपकी जय हो, जय हो। आप परम शान्त, परम सारभूर, चक्र धारण करनेवाले, सर्पोके साथ रहनेवाले, नीलवस्त्रधारी, शान्तिकारक, मोक्षदायक तथा समस्त पापोंको दूर करनेवाले हैं। आपको जय हो जय हो। बलरामजीके छोटे भाई जगदीश्वर श्रीकृष्ण ! आपको जय हो; पापत्रके समान नेत्रोंवाले तथा इच्छानुसार फल देनेवाले प्रभो ! आपकी जय हो । चक्र और गदा धारण करनेवाले नरायण ! आपका वक्षःस्थल वनमालासे आच्छादित है। आपकी जय हो। लक्ष्मीकान्त विष्णु ! आपको नमस्कार हैं। आपको जय हो।