Shree Naval Kishori

ब्रह्माजी द्वारा श्रीकृष्णकी स्तुति

जो तीनों गुणों से अतीत और एकमात्र अविनाशी परमेश्वर हैं, जिनमें कभी कोइ विकार नहीं होता, जिनका अव्यक्त और व्यक्तरूप हैं तथा गोप-वेष धारण करते हैं, उन गोविन्द श्रीकृष्ण की मैं वंदना करता हूँ । जिनकी नित्य किशोर अवस्था हैं, जो सदा शांत रहते हैं, जिनका सौंदर्य करोड़ों कामदेवों से भी अधिक है तथा जो नूतन जलधर के समान श्यामवर्ण हैं, उन परम मनोहर गोपीवल्लभ को मैं प्रणाम करता हूँ । जो वृन्दावन के भीतर रासमण्डल में विराजमान होते हैं, रासलीला में जिनका निवास हैं तथा जो रासजनित उल्लास के लिये सदा उत्सुक रहते हैं, उन रासेश्वर को मैं नमस्कार करता हूँ ।