Shree Naval Kishori

ओषधियाँ द्वारा माँ नर्मदा की स्तुति

भगवान शंकर की प्रियतमा पुण्यसलिला गौतमी ! यदि आप इस भूतलपर न आती तो संसार के प्राणी, जो नाना प्रकार की पापराशियों से तिरस्कृत एवं दु:खी हो रहे हैं, क्या करते । नदिश्वरि ! भूमंडल के मनुष्यों के सौभाग्य का अनुमान कौन कर सकता हैं, जिनके महापातकों का नाश करनेवाली आप जगन्माता गंगा उनके लिये सदा ही सुलभ हैं । तीनों लोकों की वन्दनीया जगज्जननी गंगा ! आपके वैभव को कोई नहीं जानता; क्योंकि कामदेव के शत्रु भगवान् शंकर भी आपको सदा मस्तकपर लिये रहते हैं । मनोवांछित फल देनेवाली माता । तुम्हें नमस्कार हैं । पापों का विनाश करनेवाली ब्रह्ममयी देवी ! तुम्हे नमस्कार हैं । भगवान् विष्णु के चरणकमलों से निकली हुई गंगा ! तुम्हे नमस्कार हैं । भगवान् शंकर की जटासे प्रकट हुई गौतमी देवी ! तुम्हें नमस्कार है ।