माँ दुर्गा के 9 स्वरूपोंमें:-
चतुर्थ कूष्माण्डा स्तोत्रम्
सुरासंपूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च ।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे ॥
!! मंत्र !!
ऐं ही दैव्यै नमः ॥
ॐ देवी कूष्माण्डायै नमः ॥
!! स्तोत्र !!
दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दरिद्रादि विनाशिनीम् ।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम् ॥
जगन्माता जगतकत्री जगदाधार रूपणीम् ।
चराचरेश्वरी कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम् ॥
त्रैलोक्यसुन्दरी त्वांहि दुःख शोक निवारिणीम् ।
परमानन्दमयी, कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम् ॥